सितंबर - दिसंबर २०१३
इस भाग में भारत के राजनेता डॉ. एम. वीरप्पा मोइली जी ने अभिभाषण में कहा कि- शिक्षा ही देश की प्रगति का पथ है। उन के साथ दूसरे व्यक्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं।
भेंट वार्ता में एम. वीरप्पा मोइली, सीताकांत महापात्र, हरप्रसाद दास, डॉ. अच्युत सामंत, डॉ. वरदा कांत मिश्र, श्री उदय प्रताप सिंह अदि कई व्यक्ति हैं। विश्वमुक्ति का राजभाषा सम्मेलन दो - 2013, का विस्तृत विवरण भी है।
प्रबंध डॉ. राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय, डॉ. वसंत कुमार पंडा, डॉ. जलद भादुड़ी हैं और गल्प में अभिमन्यु अनत, नीरजा माधव, अरुणेश निरन, तरुणकांति मिश्र, मृत्युंजय षडंगी की लेख छपे हुए हैं। लघुकथा में अरविंद दास और कविता में फकीर मोहन सेनापति, डब्लू डब्लू रांस, एने ह्वर्ट, अन्ना यिन, अनिल कुमार पुरोहित, शैलजा सक्सेना राजेंद्र किशोर पंडा, देवदास छोटराय, इंदु मिश्र, विष्णुपद सेठी एवं सिनेमा- में मनोरंजन पाणिग्राही जी है।