मार्च - मई २०१४

विश्वमुक्ति अग्रणी अनुस्ठान का यह हिंदी संस्करण में प्रबंध, गल्प, लघुकथा, कविता, सिनेमा आदि है ।
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इस भाग में मरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति शिक्षाप्रिय महामहिम राजकिशोर पुरयाग जी के KIIT & KISS परिदर्शन का अभिभाषण वर्णित है। गांधीजी, गोपबंधू, रमादेवी आदि मनीषियों ने ओड़िशा में हिंदी शिक्षा के बारे में जो काम किया है उसके बारे में प्रबंध लिखे गए हैं। डॉ. श्रीचरण महांती ने उस समय को हिंदी शिक्षा का आदि युग कहा है। वसंत पण्डा और श्री विजय केतन पट्टनायक के प्रबंध भी उपलब्ध होंगे। गल्प में अजय, वीणापाणि महांती, डॉ. प्रसन्न पाटसाणी, परेश पट्टनायक, राजेंद्रमोहन भटनागर, डॉ. मंजू शर्मा महापात्र जी है। विरल उद्यमी सुभाष भोरा के साथ भेंटवार्ता, उपन्यास- सामयिक संधि और बहुत सारे कवियों की कविताएं छपी हैं।

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