
जुलाई - सितंबर २०२५
साथ ही पूरी के गजपति महाराज श्री दिव्यसिंह देव के साथ विशेष साक्षात्कार प्रस्तुत किया गया है। ओडिशा के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर पृथ्वीराज हरिचंदन से प्रो. शशांक चूड़ामणि द्वारा की गई बातचीत को इसी संख्या में स्थानित किया गया है। 'आर्ट ऑफ गिविंग' नामक वैश्विक शांति आंदोलन पर डॉ. अच्युत सामंत के विचार इसमें स्थानित हैं। हरित भविष्य के सशक्तिकरण पर केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी का एक लेख और भारतीय रेलवे के विकास और दीर्घकालिक स्थिरता पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का विश्लेषण इस अंक को विशेष बनाते हैं। नगर प्रबंधन, स्वच्छता और नागरिक जीवन से जुड़ी चिंताओं पर एक एक आलेख्य शामिल है। गल्प में आँगन में बैंगन और समाधी वैश्य की अंतिम कथा हैं। कविता में प्रसन्न पाट्टशाणी, देवदास छोटराय, संतोष कुमार झा, अमरेश पटनायक, अनिल पुरोहित, अंब्रित ऋतुराज, सरोजिनी सदांगी और वीणापाणि पंडा जैसे प्रतिष्ठित रचनाकारों की कविताएँ शामिल हैं।