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जुलाई - सितम्बर २०२२
यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि वे एक छोटे से गांव और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति भवन तक पहुंची हैं, जो उनके संघर्ष, समर्पण और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है । राइसीना (राष्ट्रपति भवन) तक पहुंचने की उनकी यात्रा भारत के आदिवासी समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जिसमें विभिन्न प्रमुख व्यक्तित्वों के विचारों और नेताओं की टिप्पणियों का उल्लेख किया गया है।
और इसके साथ इसी संख्या में यक्तित्व में नए अभिज्ञ सीजेआई न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित - जिनेन्द्र कुमार नायक । गल्प में सदासिव सामंतराय, अनिल कुमार पढ़ि, संजुक्ता मोहंती, पल्लवी नायक की गल्प है । कविता में, डा प्रसन्न पाटसानी, अपर्णा महान्ति, मानस रंजन महापात्र, सुधा दाश, रख्यक नायक, रमाकांता जेना, गगन विषारी छाटोई, महिमा सेठी, सुनील प्रुष्टि के कविता है । और इसके साथ दीक्षयान्त समारोह एक नई यात्रा की शुरुआत -चूड़ामणि चंद्रकांता, खेल में सेना सलोनी ओर सोहिनी की बारे में कुछ बातें है ।